The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
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त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। येहि अवसर मोहि आन उबारो॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।
ध्यान पूर्वक होम करावे ॥ त्रयोदशी व्रत करै हमेशा ।
त्रयोदशी ब्रत करे हमेशा। तन Shiv chaisa नहीं ताके रहे कलेशा॥
नित्त नेम कर प्रातः ही, पाठ करौं चालीसा।
. शिव चालीसा लिरिक्स के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न होते हैं
जय जय जय अनंत अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
किया उपद्रव तारक भारी। देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी॥